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आम जनता के लिए राहत, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, क्या हो सकता है पेट्रोल-डीजल सस्ता ?

पेट्रोलियम सेक्रेटरी पंकज जैन ने गुरुवार को संकेत दिया कि कच्चे तेल की कीमतों में हालिया गिरावट के मद्देनजर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की जा सकती है। यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें लंबे समय तक कम रहती हैं, तो ऑइल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल और डीजल के दाम घटा सकती हैं।

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट:
कच्चे तेल की कीमतें तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच चुकी हैं। इंडियन बास्केट में कच्चे तेल के दाम पिछले छह महीनों में 20.61% घटे हैं। अप्रैल 2024 में कच्चे तेल की कीमत 89.44 डॉलर प्रति बैरल थी, जो अब 71 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई है। इसके बावजूद, पिछले 30 महीनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में केवल दो बार कटौती की गई है।

तेल कंपनियों के मुनाफे का प्रभाव:
तेल कंपनियों ने रिफाइनिंग मार्जिन से अच्छी कमाई की है। 2022-23 में, कंपनियों ने एक बैरल तेल की रिफाइनिंग पर 18 डॉलर (9.57 रुपये प्रति लीटर) का मुनाफा कमाया। 2023-24 में यह मार्जिन 6.50 रुपये प्रति लीटर रहा। अगर कंपनियां इस मार्जिन का आधा लाभ भी ग्राहकों को देती हैं, तो पेट्रोल की कीमत 10 रुपये और डीजल की कीमत 6-8 रुपये प्रति लीटर सस्ती हो सकती है।

महंगाई पर प्रभाव:
देश में 27 करोड़ टू-व्हीलर, 58 लाख भारी वाहन और 6 करोड़ निजी वाहन हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती से इन वाहनों के मालिकों को सीधा फायदा होगा। इसके साथ ही, मालभाड़ा कम होने से वस्तुओं के दाम भी घटेंगे, जिससे महंगाई पर काबू पाया जा सकेगा।

त्योहारों और चुनावों के मद्देनजर उम्मीदें:
पिछली बार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती मार्च 2024 में होली के मौके पर हुई थी। अब दीपावली और चुनावों के मद्देनजर, अक्टूबर में संभावित कटौती को दीपावली और चुनावी गिफ्ट के रूप में देखा जा सकता है।

यह संभावित कटौती ग्राहकों को राहत देने के साथ-साथ महंगाई को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकती है।

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